Wednesday, January 6, 2016

किसी भी व्यक्ति और समूह को गुलाम कब कहा जाता हैं, यह वास्तव में महत्वपुर्ण सवाल हैं

किसी भी व्यक्ति और समूह को गुलाम कब कहा जाता हैं, यह वास्तव में महत्वपुर्ण सवाल हैं। कोई भी व्यक्ति या समूह जब पराजित हो जाता है, तब विजेता लोग उसको गुलाम बना देते हैं। मगर पराजित लोग इसका अपने ताकत के अनुरूप में
विरोध करते हैं। प्रारंभ में यह होता है, मगर धीरे धीरे जो लोग पराजित होते हैं, वह लोग अपना इतिहास और अपने तौर तरीके भूलने लगते हैं, अपना वजूद भुलने  लगते हैं, तो वे अपनी अस्मिता और असली पहचान भी भुलने लगते हैं। इस तरह से उनकी पहचान धीरे धीरे समाप्त हो जाती हैं । जैसे ही, उनकी पहचान समाप्त हो जाती हैं, वे अपना इतिहास और अपने पूर्वजों का गौरव भी भूल जाते हैं, तब उन्हें अपने स्वाभिमान का अहसास होना भी समाप्त हो जाता हैं और वे गुलाम बन जाते हैं। जब इन गुलामों की अपनी पहचान समाप्त हो जाती हैं, तब वे विजयी लोगों का अनुकरण और 
अनुसरण करना शुरू कर देते हैं। जब यह अनुकरण और अनुसरण शुरू हो जाता हैं, तो इन पराजित लोगों का अपना मूल अस्तित्व समाप्त हो जाता है । 

अपना मूल अस्तित्व खोने की वजह से ये लोग विजेताओं की परंपराओं का अनुसरण करके अपना अस्तित्व और अपनी पहचान मिटाना शुरू कर देते हैं। यही पर गुलामों की गुलामी का अहसास समाप्त हो जाता हैं । 

जब गुलामों को गुलामी का एहसास होना बंद हो जाता है, तब उसी वक्त कोई भी जाती या समूह वास्तव में गुलाम बन जाता हैं । 

ऊपर उल्लेखित धारणा से अगर देखा जाए, तो यहां का मूलनिवासी भारतीय वास्तव में गुलाम हैं। भारत के अलावा दूसरे देशों में भी गुलाम बनाए गए हैं, मगर उन गुलामों को शिक्षा के अधिकारों से वंचित नहीं किया गया था। लेकिन भारत मे शिक्षा के अधिकारों से मूलनिवासी गुलामों को वंचित कर दिया गया था, जिससे भारत का मूलनिवासी केवल गुलाम नहीं रहा, बल्कि, वह विदेशी ब्राह्मणों का पक्का गुलाम हुआ। हम इसे पक्का गुलाम इसलिए कहते हैं, क्योंकि, मूलनिवासी गुलाम लोग अपने गुलामी का गर्व और गौरव करते हैं; गुलामी मे सुख और आनंद का अनुभव करते हैं। विजेताओं की परंपराओं का यानी युरेशियन ब्राह्मणों की परंपरा, धर्म, संस्कार, समाज व्यवस्था का वे केवल अनुकरण और अनुसरण नहीं करते; 
बल्कि, गर्व और गौरव भी करते है। युरेशियन ब्राह्मणों ने दिया हूआ यह नारा, "गर्व से कहो हम हिंदू हैं", इसका हम मूलनिवासी लोग गर्व और गौरव से प्रतिध्वनित करते हैं। यही इस बात का सबूत हैं की, हम हमारे गुलामी का गर्व और गौरव करते हैं। इस स्थिति से मूलनिवासीयों को ब्राह्मणों के गुलामी से मुक्त करने की आवश्यकता हैं। मूलनिवासीयों को किसने गुलाम बनाया है, यह बात तो सर्व विदित हैं कि,  वर्ण व्यवस्था, जाती व्यवस्था और अस्पृश्यता यह युरेशियन ब्राह्मणों के बड़े हथियार हैं। इन हथियारों का प्रयोग और उपयोग करके उन्होंने हम मूलनिवासीयों को पराजित किया और हमें पराजित करने के लिए कई साजिशे, हथकंडे अपनाये। यह सब करने वाले लोग युरेशियन ब्राह्मण ही थे। इस तरह से, मूलनिवासीयों को गुलाम बनाने वाले लोग युरेशियन ब्राह्मण ही हैं। 

जिन लोगों के पास विचारधारा नहीं होती, जो लोग अपने दुश्मनो को ठीक से नहीं पहचानते, अपने दोस्तों को ठीक से नहीं पहचानते, जिनको इतिहास का सम्यक आकलन नहीं होता, जिनके पास व्यवस्था परीवर्तन का शास्त्र और शक्ति नहीं होती और उस शक्ति का प्रयोग और उपयोग करने का ज्ञान और कुशलता नहीं होती वे लोग जागरूक नहीं होते। इस तरह से जो लोग जागरूक नहीं होते हैं, वे अज्ञानी और मुढ बने रहते हैं और जो लोग जागरूक रहते हैं, वे लोग इन लोगों को अपनी जागिर बना लेते हैं, अपनी संपत्ति मानना शुरू करते हैं और गुलाम बनाते हैं।

 युरेशियन ब्राह्मणों ने भी यही किया और वर्तमान में भी वे यही कर रहे हैं। इसलिए, युरेशियन ब्राह्मण ही मूलनिवासी भारतियों के शत्रु हैं और इनसे हमें सजग रहना होगा।satwant singh rana  UP       Bharti vidhyarthi morcha
                                                         - मा. वामन मेश्राम,
राष्ट्रीय अध्यक्ष, Bamcef and 
भारत मुक्ति मोर्चा

No comments:

Post a Comment

Popular Posts

Blog Archive

Ad

For Donations

यदि डॉ भीमराव आंबेडकर के विचारों को प्रसारित करने का हमारा यह कार्य आपको प्रशंसनीय लगता है तो आप हमें कुछ दान दे कर ऐसे कार्यों को आगे बढ़ाने में हमारी सहायता कर सकते हैं। दान आप नीचे दिए बैंक खाते में जमा करा कर हमें भेज सकते हैं। भेजने से पहले फोन करके सूचित कर दें।

Donate: If you think that our work is useful then please send some donation to promote the work of Dr. BR Ambedkar

Deposit all your donations to

State Bank of India (SBI) ACCOUNT: 10344174766,

TYPE: SAVING,
HOLDER: NIKHIL SABLANIA

Branch code: 1275,

IFSC Code: SBIN0001275,

Branch: PADAM SINGH ROAD,

Delhi-110005.

For inquiries call: 8527533051 sablanian@gmail.com